डॉ. रिन्जु राय, एसोसिएट एडिटर-ICN डायस्पोरा
शिक्षा में आध्यात्मिक मूल्य आवश्यक- श्री एम.
वर्धा, 8 जुलाई 2020: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा की बोधिसत्त्व बाबा साहेब ई-ज्ञान श्रृंखला में आध्यात्मिक चिंतक पद्मभूषण श्री एम ने ‘शिक्षा में आध्यात्मिक मूल्य और आज का परिप्रेक्ष्य’ विषय पर मंगलवार, 7 जुलाई को दिये व्याख्यान में कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्र में भारत का सामना कोई अन्य देश नहीं कर सकता. आध्यात्मिक भारत का इतिहास दो हजार साल से भी अधिक समय का है. आज की शिक्षा को आध्यात्मिक बनाने की दिशा में पहल अनिवार्य है और इसके लिए देश के सभी विश्वविद्यालयों में संस्कृत भाषा की पढ़ाई होनी चाहिये. विद्यार्थियों को शिक्षा में तकनीकी के साथ आध्यात्मिक ज्ञान देना आज के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत प्रासंगिक है. शिक्षा में आध्यात्मिकता लाने से हम दुनिया में एक नया आदर्श प्रस्तुत कर सकेंगे. श्री एम. ने कहा कि सभी मानव जाति में आत्मा एक जैसी ही है. यदि हम आत्म ज्ञान में सफल होते हैं तो सामाजिक एकात्मता स्थापित कर सकते हैं. उन्होंने उपनिषद, भगवतगीता, वेदांतिक समाजवाद आदि पर गहन विमर्श करते हुए अंतर्गत ज्ञान एवं आत्मा की खोज करने पर बल दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने श्री एम. जी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा शक्ति स्थल है. यह शिक्षा तथा संचार में उपयोगी एवं सरल है. कुलपति प्रो. शुक्ल ने हिंदी को संस्कृत की बड़ी बेटी करार देते हुए कहा कि हिंदी विश्वविद्यालय को शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में स्थापित करना हमारा लक्ष्य है. परिचय एवं स्वागत वक्तव्य कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अनिल कुमार राय ने दिया. बोधिसत्व बाबासाहेब ई-ज्ञान श्रृंखला के अंतगर्त यह चौथा व्याख्यान था. इस श्रृंखला में 4 एक विद्वान वक्ता को आमंत्रित किया जाता है. व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक लाइव व यूट्यूब लाइव पर प्रसारित किया जाता है. अकादमिक ज्ञान तथा बहुआयामी संवाद-दर्शन की भावनाओं को विकसित करने के लिए यह ऑनलाइन श्रृंखला विश्वविद्यालय की एक अभिनव एवं महत्वाकांक्षी पहल है.