सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप
खुलूसो मेहरो मोहब्बत की इन्तेहा हूँ मैं
मेरे वजूद में सब सच हैं आइना हूँ मैं
I am the climax of love,affection and sincerity In me
There is truth through and through in me, I am mirror virtually
मुझे बना के मिटाना है उसका शौक़े हसीं
कि उसकी शोख तमन्ना का इर्तिक़ा हूँ मैं
He creates me and deletes me is His fun entire
So I stand as the evplution of His vivacious desire
मैं रोज़ उनसे लगाता हूँ शर्ते तर्क वफ़ा
ये शर्त वो है जो हर रोज़ हारता हूँ मैं
I bet straining relation with her daily
I lose it to her evey day successively
मुझे तो क़ुर्ब है मंज़िल का और न दूरी है
मेरी शिनाख्त अलग है कि रास्ता हूँ मैं
Neither remoteness nor closeness I have with destination
I am only paath and that is my denomination
तुम्हारे हंसने का बाइस है मेरी बर्बादी
तुम्हे जो देखा है हँसते तो हंस दिया हूँ मैं
The reason of your laughing is my disaster
I saw you laughing also laughed as your follower
न सोच कर भी तुम्हे सोचना मुक़द्दर है
न चाह कर भी तुम्हे कितना चाहता हूँ मैं
I avoid thinking of you yet I think of you is destiny
I wish not yet I love you excessively
मिलूंगा तुमको दो आलम को है तलाश मेरी
मुझे कहीं से भी ढूंढो कि खो गया हूँ मैं
You will find me though universes search me
Find me out as I am lost somewhere surely
मैं अपने तर्ज़ में तुमसे जुदा सही लेकिन
ज़माने वाले ये कहते हैं बेवफा हूँ मैं
I am nevetheless different from you in my way
Yet I am faithless as people around say
मोहब्बतों मैं जो मैं तीन पांच करता हूँ
वो इस्पे हँसता है ये झूठ बोलता हूँ मैं
When in love I quirrel for nothing mischievously
Considerring it false and upon it laughs she
वो मेरे साथ था तूफ़ान ए बेह्रे उल्फत
ये उसने क्या किया देखा जो डूबता हूँ मैं
In the storm of ocean she accommpanied me
She acted when saw me drowning amazingly
न कोई बात न झगड़ा वो मुझको छोड़ गया
सुहैल अब उसे ज़्यादा ही जी रहा हूँ मैं
She left me alone althogh no dispute among us was there
Now I live with congeniality with her better