राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रामपुर द्वारा समभाव व समरसता का संदेश देती “प्रबुद्धजन संगोष्ठी”सम्पन्न

चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी 

रामपुर बुशहर : गत सप्ताह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रामपुर (हिमाचल प्रदेश)द्वारा “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका “ विषय पर उप मंडलाधिकारी श्री सुरेंद्र मोहन की अध्यक्षता में आयोजित प्रबुद्धजन संगोष्ठी का सुअवसर था,जिसमें मुख्य वक्ता प्रांत बौद्धिक प्रमुख डा०सेवक राम जी थे ।

कार्यक्रम शुरू होने के क्रम में मंच पर मि०पुष्प राज ने आगंतुक बुद्दिजीवियों को राष्ट्रीय यस्वयं सेवक संघ की मूल अवधारणा से जोड़ने व देश-प्रेम की भावना को जागृत करने के लिए स्व०डा०चन्द्रकान्त भारद्वाज जैसी देवतुल्य पुण्यात्मा द्वारा रचित गीतों की शृंखला में से सस्वर”चंदन है इस देश की माटी,तपो भूमि हर ग्राम है…जैसे गीतों को गाना शुरू किया;पीछे समवेत स्वर से उपस्थित आगंतुकों ने भी साथ दिया ..वातावरण देश-भक्ति के जोश व उत्साह से परिपूर्ण हो गया ।

सर्वप्रथम एस ड़ी एम महोदय श्री सुरेंद्र मोहन ने व्यक्ति व समाज के सतत उत्थान हेतु परस्पर सहयोग व समझ की भावना होने पर बल दिया ।रामपुर परिक्षेत्र में कार्यरत विभिन्न अन्य सरकारी,सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस गोष्ठी में भाग लिया जैसे: ईश्वरीय ब्रह्मकुमारी,राधास्वामी सत्संग,निरंकारी मिशन,चिकित्सा-सेवा,जल विद्युत परियोजना अधिकारी,राज्य विभाग और सेवानिवृत प्रबुद्धजन ।

समारोह के संयोजक विनय शर्मा ने बताया कि संघ सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन के रूप में अपने समाज को संगठित व संस्कारित करने में नियमित रूप से प्रतिबद्धता दर्शाते हुए प्रासंगिक विषयों पर चिंतन-मनन करता रहता है ।यह संगोष्ठी उसी का एक आयाम है ।
मुख्य वक्ता डा सेवक राम जी द्वारा संघ की मूल अवधारणा ,सामाजिक समरसता के विभिन्न सरोकारों को बहुत ही सारगर्भित ढंग से साधारण स्पष्ट भाषा में व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर ब्राह्मण सभा से  नन्द लाल शर्मा,  ललित मोहन शर्मा; निरंकारी मिशन से निर्मल सोनी; रिटायर्ड प्रिंसिपल  खुशाल ठाकुर,  पन्ना लाल गुप्ता; चन्द्रकान्त पाराशर खनेरी शिमला हिल्स; रिटायर्ड कमांडेंट एसएसबी  ओगाम राम; रिटायर्ड कमांडेंट  नरोत्तम शर्मा; कर्नल रविकांत;  खंड सेवा समिति अरसू से  गोविंद शर्मा; ब्रह्म कुमारीय संस्था से बहन डोलमा इत्यादि की गरिमामय उपस्थिति रही ।
समग्र धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संगोष्ठी सम्पन्न हुई ।

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