चन्द्रकान्त पाराशर (शिमला हिल्स) , एडीटर-ICN हिंदी
नई दिल्ली : एसजेवीएन के सीएमडी नन्द लाल शर्मा ने आज हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में निर्माणाधीन 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना के अपस्ट्रीम कॉफ़र डैम का उद्घाटन किया। शर्मा ने सलासी खड्ड पर 16 मीटर लंबे और 4.25 मीटर चौड़े कंक्रीट पुल और सलासी में परियोजना कार्यालय भवन का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख परमिंदर अवस्थी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परियोजना की आधारशिला 27 दिसंबर 2021 को रखी गई और वर्तमान में परियोजना की गतिविधियां त्वरित गति से चल रही है। “कॉफ़र डैम को 4 माह, 10 दिन के रिकॉर्ड समय में और निर्धारित समय से चार माह पहले पूरा किया गया है। यह रिवर डायवर्जन कार्यों के पूरा होने का प्रतीक है जो डैम फाउंडेशन के पूरी तरह से खुदाई के कार्यों का मार्ग प्रशस्त करता है , जिसका कार्य पहले से ही प्रगति पर है।” सलासी खड्ड पर बने पुल के लाभों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “यह पुल न केवल नदी के किनारों के मध्य बहुमूल्य संपर्क स्थापित करेगा अपितु यह बांध निर्माण गतिविधियों को भी गति प्रदान करेगा ।”
नन्द लाल शर्मा ने अपने दौरे के दौरान विभिन्न साइटों पर कार्य प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया कि डैम स्थल के दाएं किनारे पर स्ट्रिपिंग का कार्य पूरा होने वाला है जबकि बाएं किनारे पर कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही पावर हाउस क्षेत्र में स्ट्रिपिंग का कार्य तीव्र पगति पर है। उन्होंने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया।
66 मेगावाट की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना ब्यास नदी पर एक रन ऑफ रिवर योजना है। परियोजना की अनुमानित लागत 687 करोड़ रुपए है और इसके पूरा होने पर 304 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन होगा। यह परियोजना सामुदायिक संपत्ति निर्माण, ढांचागत विकास और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन के साथ क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान प्रदान कर रही है। परियोजना के आसपास के क्षेत्रों एवं राज्य को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न सीएसआर पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 31500 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन पर मुख्य फोकस के साथ भारत, नेपाल और भूटान में अनेक परियोजनाओं को निष्पादित कर रही है। हाल ही में तीव्रता से हासिल की गई कई परियोजनाओं ने कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर किया है।