भारतीय कंक्रीट संस्थान शिमला चैप्टर द्वारा प्रतिष्ठित “आईसीआई संरचना अवार्ड-22“ वितरित

“भीषण भूकम्परोधी भवनों के डिजाइन सुरक्षा-दृष्टिकोण से अत्यंत ज़रूरी ।”-आई डी धीमान,मुख्य सूचना आयुक्त ।

चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी 

शिमला : “ भीषण भूकम्परोधी भवनों के डिजाइन तैयार करना सुरक्षा-दृष्टिकोण से अत्यंत ज़रूरी ।” अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में यह विचार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि आई डी धीमान,मुख्य सूचना आयुक्त व भूतपूर्व मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश,द्वारा भारतीय कंकरीट संस्थान को इस दिशा में और अधिक सक्रियता से प्रशिक्षण अभियान पर ध्यान देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया ।

इस अवसर पर बी पी मल्होत्रा, भूतपूर्व मुख्य वास्तुविद एचपीपी डब्ल्यूडी एवम् स्व० एस सी कपूर भूतपूर्व व प्रथम मुख्य अभियंता एचपीपीडब्ल्यूडी,दोनों महानुभावों को भारतीय कंक्रीट संस्थान, शिमला केंद्र द्वारा वर्ष 2022के लिए *लाइफटाइम उपलब्धि पुरस्कार ट्रॉफी से सम्मानित किया गया । “कंकरीट टेक्नोलोगिस्ट अवार्ड “ एवं यंग कंकरीट टेक्नोलोगिस्ट अवार्ड “से क्रमशः हरीश मल्होत्रा मुख्य अभियंता परि० एचपीएसईबी एवं सुरेश वालिया अधिशासी अभियंता को सम्मानित किया गया ।

अपने स्वागत-भाषण में सभी आगंतुकों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए संस्थान के शिमला-केंद्र के अध्यक्ष वास्तुकार वीपीएस जसवाल ने मूल उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए भवन-निर्माण प्रबंधन में वास्तुकला डिजाइन, निर्माण पद्धति, हरित और सतत भवनों, शून्य रखरखाव और शून्य ऊर्जा आवास की गुणवत्ता में उत्कृष्टता की तलाश को दोहराया ।

वर्ष 2022 के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्मित आधारभूत संरचना परियोजना पुरस्कार “ एचपीपी डब्ल्यूडी द्वारा निर्मित हनोगी ब्रिज मण्डी को प्रदान किया गया है। विजय ठाकुर और सुशील राणा को क्रमशः उभरते वास्तुकार और उभरते अभियंता पुरस्कार ट्राफ़ी से नवाज़ा गया । इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के 28 व्यक्तियों को आर्किटेक्ट्स, इंजीनियर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और हाउस ओनर अवार्ड्स को भी उनके सराहनीय योगदान के लिए ICI एक्सीलेंस आशियाना अवार्ड्स 2022 से और जूरी मेंबर्स को भी सम्मानित किया गया है।

निरंतर परामर्श व प्रोत्साहन से देश के ढाँचागत संरचनात्मक विकास में निर्णायक भूमिका एक गैर-लाभकारी संगठन भारतीय कंक्रीट संस्थान भारत में अग्रणी व्यावसायिक निकायों में से एक है, जो कंक्रीट-कार्यों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों की व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ साथ कंक्रीट विषय पर ज्ञान के प्रसार, कंक्रीट प्रौद्योगिकी और निर्माण को बढ़ावा देने और कंक्रीट की अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एकदम समर्पित है।

वर्ष 1982 में एसईआरसी चेन्नई और अन्ना विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से आधुनिक कंक्रीट निर्माण प्रथाओं/प्रक्रियाओं पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया था,इसी संगोष्ठी की जबरदस्त सफलता/प्रतिक्रिया ने आयोजकों को भारतीय कंक्रीट संस्थान शुरू करने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, आईसीआई का जन्म 1982 में 5 क्षेत्रीय केंद्रों के लगभग 500 सदस्यों के साथ हुआ था।

आज आईसीआई एक मजबूत पेशेवर निकाय है, जिसमें देश भर में फैले सभी प्रमुख शहरों के 44 क्षेत्रीय केंद्रों से 13,000 से अधिक नामांकित सदस्य हैं। इनमें से 353 से अधिक संगठनात्मक सदस्य हैं। आईसीआई के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, क्षेत्रीय केंद्र साल भर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों जैसे सेमिनार, कार्यशालाओं, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों आदि का आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर करते हैं।

Indian Concrete Institute

इस अवसर पर संस्थान के शिमला-केंद्र के अध्यक्ष वास्तु0 वीपीएस जसवाल ने एक “तकनीकी-शोधपत्र भी प्रस्तुत किया । अल्ट्राटेक टीम के क्षेत्रीय प्रबंधक अभय तोमर ने स्वागत-भाषण में वर्ष 2022 के लिए इन प्रमुख पुरस्कारों की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि निर्माण उद्योग में, अधिकांश संरचनाओं की नींव के रूप में कंक्रीट का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। … कंक्रीट का उपयोग कई अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है, जिसमें बुनियादी नींव, सुपरस्ट्रक्चर, अपशिष्ट जल उपचार सुविधाएं, जल उपचार सुविधाएं, पार्किंग संरचनाएं, फर्श निर्माण और बाहरी सतह विशेष रूप से शामिल हैं।देश के अग्रणी निकायों में कार्यरत उम्दा अभियंताओं/प्रशासकों को उनके अभूतपूर्व सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए ,उनकी हौसला अफ़जाही हेतु भारतीय कंक्रीट संस्थान शिमला चैप्टर द्वारा उपलब्धि-पुरस्कार प्रति वर्ष प्रदान किए जाते हैं ।उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई दी।

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