बैंकाक। मगरमच्छ जैसी छिपकली, घोंघा खाने वाला मेंढक और एक विशेष प्रजाति का चमगादड़, ऐसे ही 115 नई प्रजाति के जीव-जंतु खोजने का दावा वैज्ञानिकों ने किया है। इन जीवों को साल 2015 में दक्षिणपूर्वी एशिया की मेकांग नदी क्षेत्र से पाया गया था। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने इस खोज की जानकारी मंगलवार को सार्वजनिक की है। विभिन्न शोध संस्थाओं के अनेक वैज्ञानिकों ने मिलकर इस काम में सहयोग दिया है। नई प्रजाति के इन जीवों में करीब 11 उभयचर (जल और थल दोनों में रहने वाले) दो मछलियां, 11 रेंगनेवाले वाले जीव, 88 प्रकार की वनस्पति और तीन स्तनधारी शामिल हैं। इएफइ न्यूज के मुताबिक इन्हें लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम से गुजरने वाली मेकांग नदी क्षेत्र से पाया गया है। एक दावे के अनुसार 1997 से 2016 के बीच वैज्ञानिकों ने 2524 विभिन्न प्रकार के नए जीवों की खोज की है। यानी प्रत्येक हफ्ते दो नई प्रजातियां सामने आई हैं। मेकांग नदी क्षेत्र जैव विविधता से संपन्न है इसलिए इस नदी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ग्रेटर मेकांग के क्षेत्रीय प्रतिनिधि स्टुअर्ट चैपमैन के मुताबिक, हालांकि इस क्षेत्र पर कई खतरे मंडरा रहे हैं, लेकिन ये नई खोज हमें आशा देती है कि बाग से लेकर मेंढक तक यहां जीवित रहेंगे। बकौल स्टुअर्ट कोयले की खदानें, बांध और सड़क का निर्माण यहां के प्राकृतिक परिदृश्य को नुकसान पहुंचा रहा है। जानवरों की बढ़ती अवैध तस्करी से चैपमैन को आशंका है कि खोज से पहले ही कई जीव शायद लुप्त हो जाएंगे। जानवरों की तस्करी क लिए बदनाम ‘गोल्डन ट्राइएंगल’ का भी उन्होंने जिक्र किया और मांग की कि सरकार तस्करी पर जल्द से जल्द रोक लगाएं। बता दें कि मेकांग दक्षिणपूर्वी एशियाई नदी है। इसके क्षेत्र में चीन, म्यांमार, लाओस, थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम आते है।
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