बेरूत। कुर्दों के गढ़ माने जाने वाले सीरियाई क्षेत्र आफरीन में तुर्की सेना के आक्रमण के बाद से वहां से कम से कम एक लाख लोग पलायन करने पर मजबूर हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मामलों के प्रमुख ने आफरीन में सैन्य गतिविधियों पर चिंता जाहिर की है।
आफरीन पर तुर्की सेना और उसके सहयोगी सीरियाई मिलीशिया के सदस्यों ने रविवार को कब्जा कर लिया। कुर्दिश हथियार समूहों के खिलाफ तुर्की के अभियान के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
मानवतावादी मामलों के सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि इस अभियान से 98 हजार लोग आतंरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।
समाचार एजेंसी एफे की खबर के मुताबिक, इस बीच ब्रसेल्स में विदेश मंत्रियों की परिषद में यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघरिनी ने कहा कि वह आफरीन के हालात को लेकर चिंतित हैं। ओसीएचए ने कहा कि 75 हजार विस्थापित लोग ताल रफात भाग गए हैं,
जो अभी भी कुर्दिश नियंत्रण में है। जबकि बाकी शरणार्थी नाबुल और जहरा में हैं जहां मुख्य रूप से शिया मुस्लिम समुदाय रहता है, जो सीरियाई शासन के नियंत्रण में है।