उन्नाव गैंगरेप केस: आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सीबीआई को ट्रांसफर हुआ केस

लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप केस में लगातार बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच राज्य के गृह सचिव अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह खुद सवालों के जवाब देने आए। अरविंद कुमार ने पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस केस में एफआईआर दर्ज कर जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई है। यही नहीं विधायक सेंगर की गिरफ्तारी का फैसला भी सीबीआई ही लेगी। आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी के सवाल पर यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कोई भी उन्हें बचा नहीं रहा है। हम दोनों ही पक्षों को सुनने का प्रयास कर रहे हैं, केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है और वही अब उनकी गिरफ्तारी पर फैसला लेगी।पुलिस की ओर से विधायक का बचाव किए जाने के आरोपों पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हम उनका बचाव नहीं कर रहे हैं। वह अभी आरोपी हैं, दोषी साबित नहीं हुए हैं। सिर्फ आरोपी साबित होने पर किसी से दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकता। सिर्फ आरोप लगने से भर से उन्हें दोषी करार नहीं दे सकते।गृह सचिव अरविंद कुमार ने विधायक पर अब तक केस न दर्ज किए जाने के सवाल पर कहा कि अपहरण और रेप की शिकायत बीते साल पीडि़ता ने दर्ज कराई थी। तब उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए अपने बयान में विधायक का नाम नहीं लिया था। इसलिए उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया। अब उसका कहना है कि तब डर के मारे ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में नए बयान के आधार पर विधायक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।अरविंद कुमार ने कहा, 3 अप्रैल को जो मारपीट की घटना हुई, वह आपके सामने है। जिला अस्पताल और जेल अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठे थे। इसके बाद डीआईजी जेल से जांच कराई गई। सीएमओ की अध्यक्षता में अस्पताल की भूमिका भी जांची गई। जांच में मृतक को इलाज दिए जाने की भी पूरी जांच की गई है। दोनों में यह पाया गया है कि जो समुचित चिकित्सकीय परीक्षण जेल भेजने से पहले होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। उन्होंने कहा, जेल के अस्पताल से रेफर करते हुए जेल ने कहा था कि इन्हें अंदरूनी चोटे हैं, लेकिन उन्हें भेज दिया गया। इसमें डॉक्टरों की लापरवाही का बात सामने आई है। इलाज करने वाले दो डॉक्टरों के निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। तीन अन्य डॉक्टरों पर भी विभागीय ऐक्शन होगा।

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