इनाम में कटौती से नाराज, हरियाणा सरकार के कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडल विजेता

गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ी को रेलवे ने 50 लाख रुपये दिए तो उसे हरियाणा सरकार उसे 1.5 करोड़ की जगह 1 करोड़ रुपये ही देगी। खिलाड़ी इसी फैसले के खिलाफ हैं।
चंडीगढ़। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का नाम रोशन करनेवाले हरियाणा के टॉप एथलीट्स ने राज्य सरकार द्वारा उनके स्वागत के लिए रखे गए एक कार्यक्रम में न जाने का फैसला किया है। इन खिलाडिय़ों में नीरज चोपड़ा, मनोज कुमार, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया के नाम शामिल हैं। दरअसल, हरियाणा सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतकर आए खिलाडिय़ों को दी जानेवाले अवॉर्ड मनी में कटौती करने का मन बनाया है, जिससे खिलाड़ी नाराज हैं।
हरियाणा सरकार की नीति के मुताबिक कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतनेवाले को सरकार 1.5 करोड़, सिल्वर विनर को 75 लाख और ब्रॉन्ज जीतनेवाले को 50 लाख रुपये देती है। लेकिन अब राज्य सरकार ने कहा है कि जो खिलाड़ी आर्मी या रेलवे में हैं उन्हें वहां से भी कैश प्राइस मिलता है। ऐसे में उन संस्थान से खिलाडिय़ों को जितना पैसा मिलेगा उतने राज्य सरकार द्वारा दिए जानेवाले में से कट जाएगा। जैसे किसी गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ी को रेलवे ने 50 लाख रुपये दिए तो उसे हरियाणा सरकार उसे 1.5 करोड़ की जगह 1 करोड़ रुपये ही देगी। खिलाड़ी इसी फैसले के खिलाफ हैं।
कांस्य पदक जीतकर लौटे मनोज कुमार भी सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, इससे पहले किसी सरकार ने ऐसा फैसला नहीं लिया। सरकार पहले ही नौकरी नहीं दे रही और अब प्राइस मनी में भी कटौती हो रही है। यह तो प्लेयर्स से जीएसटी वसूलने जैसा है।जैवलीन थ्रो के जूनियर खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से जब इस बारे में बात की गई तो वे बोले, अगर सीनियर खिलाडिय़ों को लगता है कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है तो मैं भी उनके साथ हूं। सीनियर्स का फैसला ठीक है। ओलिंपिक मेडल विनर साक्षी मलिक ने भी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई है। मेडल जीतनेवाले खिलाडिय़ों के साथ-साथ अमित पंघल, गौरव सोलंकी और रेसलर किरन बिशनोई भी कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।
युवा मामले और खेल मंत्रालय के प्रमुख सचिव अशोक खेमका को खिलाडिय़ों का विरोध ठीक नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा, पिछली खेल नीति के मुताबिक, सिर्फ उन्हें ही प्राइस मनी मिलता था जिनके पास हरियाणा का डोमीसेल हो या फिर वे राज्य के लिए खेले हों, लेकिन इसबार तो दायरा बढ़ाया गया है। ऐसे में खिलाडिय़ों का स्वागत समारोह में हिस्सा न लेना समझ से बाहर है। बता दें कि हरियाणा सरकार की नीति के मुताबिक, कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ी को क्लास ए, सिल्वर जीतनेवाले को क्लास बी और ब्रॉन्ज जीतनेवाले को क्लास सी की नौकरी दी जाती है।

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