“इंद्रियो पर नियंत्रण करने का अभ्यास” अथवा “इंद्रियो पर विजय पाने का अस्त्र” है “रोज़ा”

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली: रोज़ा’ अथवा ‘व्रत’ और ‘उपवास’ का इतिहास पुरानी सभ्यताओ के इतिहास के समान ही पुराना है, क्योकि मानवीय सभ्यता के विकास के बाद स्वास्थ्य और धार्मिक कारणो से व्रत और उपवास की परंपरा शुरू हो गई थी,धार्मिक उत्प्रेरक तत्वो मे प्राचीन परंपराओ और आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आम धारणा यह है, कि व्रत, उपवास और रोज़ा एक ही शब्द के पर्यायवाची है,किंतु वास्तव मे ऐसा नही है,क्योकि व्रत और उपवास दोनो अलग-अलग “अम्ल” (कर्म) है और इन दोनो का ‘सामूहिक कर्म’ (अम्ल)…

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अल्लाह का इस्लाम और मुल्लाह का इस्लाम के बीच मे रस्साकशी

एज़ाज़ क़मर “मुल्लाह-वर्ग” ने बहुत चालाकी से खेल खेला और जो हदीस उनके पक्ष मे थी,उसको ‘सच्चा’ (सही) और उसके लेखक को वफादार मुसलमान बताया और जो हदीस उनके पक्ष मे नही थी,उसको ‘ग़लत’ (मौदू) और उसके लेखक को मुनाफिक (गद्दार) मुसलमान बताया। हदीस मे जोड़-तोड़ एवं कुरान की सुविधानुसार व्याख्या से असंभव काम को इन्होने कैसे संभव कर दिखाया, इसको निम्नलिखित उदाहरणो के अध्ययन और विश्लेषण से समझा जा सकता है :- (1) “अमरूहुम शूरा बै-नहुम”  [(“….Amruhum Shura Baynahum…..”) (Quran 42:38)] के अर्थ को “राजनैतिक परामर्श” के बजाय ‘समाजिक…

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अल्लाह का इस्लाम और मुल्लाह का इस्लाम के बीच मे रस्साकशी

एज़ाज़ क़मर महान भूमि भारत का चुनाव अल्लाह ने प्रथम मनुष्य के निवास स्थान के लिये किया,फिर अपने प्रथम पैगंबर हज़रत आदम (स्वयंभू मनु) को जन्नत से पृथ्वी के इस स्थान पर उतारा। अल्लाह ने खेती करने के लिये बाबा आदम को एक बैल भी दिया,फिर बैल के अधिकार भी तय कर दिये,ताकि उसे कष्ट ना दिया जाये,बल्कि बैल को खाने-पीने और आराम करने का स्थान और समय दिया जाये। बाबा आदम अपने साथ जन्नत से कुछ पत्तियां लाये थे,उसे उन्होने भारत भूमि पर बो दिया और जिससे इत्र जैसे…

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*एक गीत*(बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के प्रति संपूर्ण श्रृद्धा किंतु क्षमा के साथ)

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हे तथागत! शीश झुकता है तुम्हारे ज्ञान के प्रति, किंतु है संदेह मन में, क्या सही था, ज्ञान हित में, भार्या व पुत्र का परित्याग आखिर?                 (1) कुछ नियम संसार के हैं और उनसे ही बंधी है सृष्टि, ये संसार सारा। रात छिप कर त्यागना सब, आचरण कैसे कहूँ था श्रेष्ठ, हे गौतम तुम्हारा ।। प्रीत-परिणय में बंधे तुम, किंतु पावन अग्नि की साक्षी शपथ हर तोड़ आये। था तुम्हारे ही बदन से, पुत्र जो…

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*कोरोना वायरस के दौर मे पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब (ﷺ) द्वारा दी गई शिक्षाओ की व्यवहारिकता और उपयोगिता से लाभान्वित होती मानवता*

एजाज़ क़मर आज हम 21 वीं शताब्दी मे “कोरोना महामारी” से बचाव के लिये ‘सोशल डिस्टेंसिंग” (Social Distancing), “मरीज़ो के लिये अलग स्थान” (Quarantine), नक़ाब (Mask) और स्वच्छता (Sanitation) की शिक्षा का सुबह-शाम प्रचार कर रहे है,जबकि इस्लाम ने 7 वीं शताब्दी मे ही इसकी शिक्षा दे दी थी। इस्लाम को मुसलमानो के दो तबको (वर्गो) ने बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाया है, जितना नुकसान इस्लाम के दुश्मनो ने (खास करके यहूदियो ने) भी नही पहुंचाया है, पहला वर्ग लिबरल का है जो हमेशा मौका तलाशते रहते है, कि कब इस्लाम को…

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ग्रहों की स्थिति एवं व्यक्ति के जीवन पर उनका प्रभाव

डॉ भावेश दवे, ज्योतिषाचार्य, ICN आज हम अपने पाठकों को विभिन्न ग्रहों और उनके प्रभाव के बारे में जानकारी देते हैं। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में किसी व्यक्ति के जन्म के समय 9 ग्रहों की स्थिति के आधार पर उस व्यक्ति की कुंडली या उसके भाग्य का मूल्यांकन किया जाता है सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु या बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु व केतु; वहीं वेस्टर्न ऑस्ट्रोलॉजि में 12 ग्रहों की स्थिति के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है, 3 अतिरिक्त ग्रह प्लूटो, नेपच्यून और हर्षल भी सम्मिलित हो जाते हैं। इन…

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ज्योतिष: एक विज्ञान या रहस्य

डॉ भवेश दवे ज्योतिष शास्त्र को वास्तव में एक विज्ञान का दर्जा दिया गया है। हालांकि ज्योतिष से संबंधित ज्यादातर बातें रहस्य से ही जुड़ी होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के विद्वान ज्ञाता किसी भी व्यक्ति के शारीरिक सौष्ठव को देख कर ही व्यक्ति की कुंडली या व्यक्तित्व के बारे में बता देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के विद्वान खुद तो सब कुछ जान जाते हैं लेकिन कई बार नकारात्मक जानकारियां वो व्यक्ति से साझा नही करते। इसका मुख्य कारण नकारात्मकता से नकारात्मकता को और बढ़ावा मिलना है, हालांकि ज्योतिषी उस नकारात्मक…

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चिकित्सकों ने किया देवताओं के वैद्य सर्वदेव धन्वंतरि देवता के मंदिर का निर्माण, डॉ रमा श्रीवास्तव एवं डॉ मनोज कुमार की पहल

सत्येंद्र कुमार सिंह & डॉ प्रांजल अग्रवाल लखनऊ। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धन्वंतरि, भगवान विष्णु के अवतार समझे जाते हैं। इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मंथन के समय शरद त्रयोदशी को हुआ था। इसीलिये दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन इन्होंने आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था। भगवान धन्वंतरि की चार भुजायें है। उपर की दोंनों भुजाओं में शंख और चक्र धारण किये हुये हैं जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा…

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जर्मन कैथलिक चर्च ने यौन उत्पीडऩ के हजारों पीडि़तों से माफी मांगी

फुल्डा। जर्मनी की कैथलिक चर्च ने पादरियों द्वारा यौन उत्पीडऩ के हजारों पीडि़तों से माफी मांगी। साथ ही संस्थान के शीर्ष कार्डिनल ने अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में खड़ा करने की बात कही। कार्डिनल राइनहार्ड मार्क्स ने कहा कि वह भरोसे को चकनाचूर करने वाले दशकों के उत्पीडऩ और इतने लोगों द्वारा इनकी अब तक की गई अनदेखी पर शर्मिंदा हैं।जर्मन बिशप्स कॉफ्रेंस के प्रमुख ने यह शर्मिंदगी तब जाहिर की जब संस्था ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें बताया गया है कि जर्मनी में 1946 और 2014…

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आज ही के दिन कर्बला में शहीद हो गए हजरत इमाम हुसैन

मुहर्रम कोई त्‍योहार नहीं बल्‍कि यह वह दिन है जो अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। वर्तमान में कर्बला इराक का प्रमुख शहर है जो राजधानी बगदाद से 120 किलोमीटर दूर है। मक्‍का–मदीना के बाद कर्बला मुस्लिम धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख स्‍थान है।   मुहर्रम शिया और सुन्नी के लिए मातम का दिन होता है।शिया समुदाय के लोग इस दिन कर्बाला के युद्ध मे हुसैन की कुर्बानी को याद करते हैं और उस पूरे परिदृश्य को दोहराते हैं, और किसी धारदार वस्तु से खुद पर चोट पहुंचाते हैं। कुछ मुस्लिम इन…

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