दुर्गाशरण दुबे धौलपुर: चंबल अंचल की कला, प्रतिभा और सिनेमा साहित्य को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया गौरतलब है कि इससे पहले 6 अन्तरराष्ट्रीय चंबल फिल्म समारोह इटावा, औरेया और जालौन जिलों मे आयोजित हो चुके है. इसके 7 वे संस्करण का आयोजन चंबल की गोद मे बसे-रचे अनूठे और अद्भुत चंबलीय संस्कृति के जीवंत शहर धौलपुर मे किया गया. प्रथम दिवसीय सत्र मे एक भव्य शुभारंभ नगर पारिषद सभागार मे किया गया जिसमें देश विदेश के नामचीन फिल्म…
Read MoreCategory: कला एवं संस्कृति
चंबल मैराथन 2023: 14-15 जनवरी को दौड़ेंगे धावक, तैयारियां जारी
इटावा: चंबल परिवार द्वारा आयोजित चंबल मैराथन का तीसरा संस्करण आगामी 14-15 जनवरी 2023 को मुरैना जनपद में आयोजित किया जा रहा है। चंबल मैराथन 2023 का रूट अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय से शहीद स्मारक बरबाई तक 42.200 किमी तक प्रस्तावित है। चंबल मैराथन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के धावक अपना दमखम दिखाएंगे। 14 जनवरी को प्रातः 8 बजे से 5 किमी और 10 किमी की दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर 21.0975 किमी और 42.195 किमी…
Read More16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल संपन्न, ऐतिहासिक रहा आयोजन
अवाम का सिनेमा – कई देशों की फिल्मों का प्रदर्शन – अन्य कई कार्यक्रम भी हुए आयोजित अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्ला खां की स्मृति में उत्तर प्रदेश का पहला और चर्चित दो दिवसीय 16वां अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल सम्पन्न हो गया। फेस्टिवल कई मायनों में। ऐतिहासिक रहा। फेस्टिवल में सिनेमा और साहित्य जगत की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बेनीगंज के सभागार में हुए फेस्टिवल में सरोकारी फिल्मों का प्रदर्शन, फोटो एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी, सेमीनार, नाटक, पोस्टर एवं…
Read More16वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में होगा फिल्मकारों का जमावड़ा
अवाम का सिनेमा – 10-11 नवंबर को अशफाक-बिस्मिल सभागार, अयोध्या में होगा आजोजन अयोध्याः काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्ला खां की स्मृति में आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश का पहले चर्चित फिल्म समारोह ने धड़कने बढ़ा दी हैं। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बेनीगंज के सभागार में 10-11 नवंबर को आयोजित होने वाले अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में सरोकारी फिल्मों का प्रदर्शन, फोटो एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी, सेमीनार, नाटक, पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता, फैशन शो, पुस्तक प्रदर्शनी, फिल्म मेकिंग वर्कशॉप आदि विविध सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन…
Read Moreभारतीय संगीत के आदि प्रेरक
डॉ शिखा भदौरिया, असिस्टेंट एडिटर, ICN एंटरटेनमेंट नाहं वसामि वैकुण्ठे योगिनां हृदयेन च । मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद ॥ भावार्थ :- अमुक श्लोक में भगवान विष्णु जी कह रहे है, ” हे नारद ! ना तो मैं वैकुण्ठ में निवास करता हूँ , ना ही योगीजनों के हृदय में ही मेरा निवास है। मै तो वहाँ निवास करता हूँ जहां मेरे भक्तगण गायन-वादन करते है। ” इस एक श्लोक से ही संगीत की प्रासंगिकता प्रदर्शित होती है की स्वयं ईश्वर भी संगीत को कितनी महत्ता देते है। जैसा…
Read Moreआई सी एन ऑक्टेव-2020 : संगीत गंगा में वैश्विक आचमन
संगीत मात्र मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि एक प्रमाणित व स्थापित चिकित्सीय थेरेपी भी है जो मस्तिष्क में दिव्य ऊर्जा रोप कर मानवीय शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती है और व्यक्ति को किसी भी रोग, व्याधि अथवा संक्रमण का प्रतिकार कर स्वस्थ रहने अथवा होने की प्राकृतिक शक्ति प्रदान करती है। एक पुरानी कहावत है – ‘जब रोम जल रहा था तब नीरो वंशी बजा रहा था।’ शायद इस कहावत को रचने वाले की दृष्टि में नीरो का वंशीवादन अकर्मण्यता एवं दायित्व वर्जन हो और हो सकता है कि…
Read Moreउर्दू शायरी में ‘ईद’
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप दरअसल “ईद” सिर्फ़ एक त्यौहार या पर्व ही नहीं है बल्कि ईद “दीपावली”, ” होली” एवं “क्रिसमस” की तरह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति भी है। ईद ज़िंदगी को सर्वश्रेष्ठ ढंग से जीने का सलीका है।भारतवर्ष में ‘ईद’ केवल मुसलमान भाई-बहनों का ही नहीं बल्कि सारे मुल्क का त्यौहार है। ‘ईद’ इस्लाम धर्म का मूल बिंदु है और यह अपने आप में इतने संदेश व पवित्र विचारधारायें समेटे हैं कि दुनिया का हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म, मज़हब अथवा पंथ से संबंधित हो,…
Read Moreभाषा बनाम संस्कृति और संस्कार
डॉ. संजय श्रीवास्तव मैं आप सभी से सिर्फ एक ही बात पूछना चाहता हूँ कि क्या भाषा किसी संस्कृति के निर्माण करने में सहायक होती है ? मेरा मानना है कि वैसे तो एक संस्कृति के निर्माण में कई कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है किन्तु किसी भी संस्कृति को दर्शाने में सबसे ज्यादा महत्त्व विचारों और भाषा का होता है | हमारे संस्कार हमारे विचारों का एक आइना होते हैं जो ये दर्शाते हैं कि जो भी विचार हमारे मन मस्तिष्क में चल रहे होते हैं वो हमारे क्रिया कलापों…
Read Moreभोजपुरी: भाषाई अस्मिता का संघर्ष और राजनीति
उदय नारायण सिंह, ICN बिहार सरकारी आँकड़ों में आठ करोड़ परन्तु धरातल पर पंद्रह करोड़ से उपर के लोगों द्वारा बोली जाने वाली,पाँच देशों की प्रमुख मातृभाषा,विश्वविद्यालीय शिक्षा में पढ़ाई जाने वाली तथा सिनेमा उद्योग में पॉलीवुड के नाम से प्रसिद्ध भोजपुरी के समक्ष आज अपने अस्तित्व का संकट आन खड़ा हुआ है। भिन्न-भिन्न प्रकार की साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं से समृद्ध, राजनीतिज्ञों के संबोधन की आधार भाषा वर्त्तमान मे आज संकट में है। ब्रिटिश काल में गुलाम बना कर ले जाये गये भोजपुरी प्रदेश के मजदूर भले ही आज मॉरीशस, सुरीनाम,…
Read More“ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन बरेली” के द्वारा ‘संजय गांधी कम्युनिटी प्रेक्षागृह’ बरेली में ‘Short Film Festival’ का सफल आयोजन संपन्न
बरेली: “ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन बरेली” के द्वारा दिनांक 03 अक्टूबर 2018 को ‘संजय गांधी कम्युनिटी प्रेक्षागृह’ बरेली में ‘Short Film Festival’ का सफल आयोजन संपन्न हुआ | इस आयोजन के पीछे प्रेरणा फिल्मकार रंजीत वालिया जी की तथा मार्गदर्शन उक्त एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बरिष्ठ रंगकर्मी श्री जे. सी. पालीवाल साहब का था | इस कार्यक्रम का संचालन मेरे (सुरेश ठाकुर) द्वारा किया गया |फेस्टीवल में विभिन्न विषयक बीस लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया | निर्णायक मण्डल में श्री श्रीकांत सक्सेना (Programming Head, D.D. Urdu) तथा नितिन कुमार…
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