काकोरी ट्रेन एक्शन के सौवें वर्ष पर दस्‍तावेजों की लगी प्रदर्शनी

क्रांति‍गाथा ———————— – काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के सही इतिहास और विरासत से कराया अवगत -क्रांतिवीर राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और साथियों से संबधित दस्‍तावेजों ने इति‍हास के गुम पन्‍नों से मिलाया ———————— अंबाह, मुरैनाः चंबल संग्रहालय, पंचनद द्वारा ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह’ के दो दिवसीय आयोजन के आखिरी दिन नई पीढ़ी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और साथियों से संबधित पत्रों, डायरी, टेलीग्राम, तस्वीरों और अन्‍य मुकदमें से जुड़ी दुर्लभ फाइलों, दस्तावेजों की अम्बाह पीजी कालेज सभागार में…

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कुरआन मजीद पर यह लिखकर अशफाक ने चूमा था फांसी का फंदा

डॉ. शाह आलम राना, एडीटर-ICN HINDI लखनऊ : अशफाक उल्ला खां एक ऐसे क्रांतिवीर जो वतन की आजादी के लिए महज सत्ताईस साल की उम्र में कुर्बान हो गए। उनकी रगों में बहता लहू का हर एक कतरा सिर्फ इस देश की आजादी के लिए ही था। वे देशभक्ति की ऐसी मिसाल हैं जिनका बस नाम ही काफी है। अशफाक के लिखे वे राज जो उनकी डायरी के पन्नों में दफ्न थे, उनकी तहें पहली बार खोली जा रही हैं। जून, 2011 गर्मियों की बात है। अशफाकके शाहजहांपुर स्थित पुश्तैनी…

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अंग्रेजी “टी” जो अब विलायत में “चाय” बनकर खूब टहल रही

चन्द्रकान्त पाराशर , एडीटर-ICN हिंदी लंदन 15-12-24:  विलायत/लंदन की सड़कों पर भारतीय चाय की खुशबू खूब महक रही है. विलायत के शहरों में छोटी-बड़ी मार्केट में भारतीय परिवेश अनुसार बनी चाय यानी टी खूब  प्रसिद्धि पा रही है. लंदन समेत कई देशों में “चाय” शब्द का मतलब ही भारतीय शैली की चाय हो गया है. भारतीयों ने चाय को एक नया स्वाद है, जिसने दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना ली है. आइए जानते हैं लंदन में भारतीय चाय के इस जादू के पीछे की कहानी. अक्सर कहा जाता है…

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पंचनद दीप महापर्व: क्रांतिकारी योद्धा गुसांई कुट्टी बक्स की स्मृति में आयोजित संकल्प सभा

पंचनद, इटावा। क्रांतिकारी इतिहास के गर्वीले अध्याय को जीवंत करते हुए पंचनद तट पर योद्धा सन्यासी गुसांई कुट्टी बक्स के नेतृत्व में लड़े गए संग्राम की 166वीं वर्षगांठ पर पहली बार जनस्मरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चंबल संग्रहालय परिवार ने महान क्रांतिवीर और गढ़िया कालेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी गुसांई कुट्टी बक्स को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पंचनद दीप महापर्व के पांचवे संस्करण में चंबल अंचल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समर्पित एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के दौरान चंबल घाटी के क्रांतिकारियों के योगदान को प्रदर्शित करने…

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सेल्फी : मनोरंजन या मनोरोग ?

डॉ. संजय श्रीवास्तव क्या आप सभी जानते है की एक ख़ास सर्वेक्षण के अनुसार अवसाद के बाद दुस्साहसिक सेल्फी लेना युवाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आया है | यूँ तो आप सभी जानते ही हैं की तस्वीरें खिचवाने का या अपनी तस्वीरे बनवाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है उसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की हर व्यक्ति खूबसूरत दिखना चाहता है और वह अपनी खूबसूरत तस्वीर को देख कर गौरान्वित अनुभव करता है ,प्रसन्न होता है वक़्त बदलता गया…

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‘सिनेमा सृष्टि के जन्म से ही जीवित है’-आई.सी.एन.

लखनऊ, 02 सितंबर,2024.‘सिनेमा सृष्टि के जन्म से ही जीवित है’ – आई.सी.एन. मीडिया ग्रुप के एडीटर व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अमिताभ दीक्षित ने ‘फिल्म, मीडिया और समाज’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में अपने विचार रखते हुये कहा। आई.सी.एन. मीडिया ने अपने लखनऊ  स्थित परिसर में कल प्रसिद्ध प्लेराइटर, गीतकार, स्क्रीनराइटर, डॉयलाग राइटर व डायरेक्टर अज़ीम मलिक के सम्मान में एक परिचर्चा का आयोजन किया। उक्त कार्यक्रम फिल्म, पत्रकारिता व समाज के मध्य संबंधों की गहनता से पड़ताल की गई। परिचर्चा के प्रथम सोपान पर  प्रो. (डॉ.) शाह अयाज़ सिद्दीकी,…

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मशाल बनाम कुल्हाड़ी

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है?   ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों…

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सेल्फी : मनोरंजन या मनोरोग ?

डॉ. संजय श्रीवास्तव क्या आप सभी जानते है की एक ख़ास सर्वेक्षण के अनुसार अवसाद के बाद दुस्साहसिक सेल्फी लेना युवाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आया है | यूँ तो आप सभी जानते ही हैं की तस्वीरें खिचवाने का या अपनी तस्वीरे बनवाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है उसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की हर व्यक्ति खूबसूरत दिखना चाहता है और वह अपनी खूबसूरत तस्वीर को देख कर गौरान्वित अनुभव करता है ,प्रसन्न होता है वक़्त बदलता गया…

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मशाल बनाम कुल्हाड़ी

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  आखिर एक समाज में पत्रकारिता की क्या भूमिका होनी चाहिए? क्या मात्र तथ्य को तथ्य रूप में प्रस्तुत से और सत्य को सत्य कहने से पत्रकारिता की भूमिका का निर्वहन हो जाता है अथवा पत्रकारिता इससे भी आगे की चीज है?   ‘समाज कैसे यात्रा करता है?’ प्रश्न रोचक था लेकिन अत्यंत गंभीर भी। जब यह प्रश्न मेरे सामने आया था तो कुछ देर तक तो मैं मात्र प्रश्न को समझने और उसकी तह में जाने की कोशिश करता रहा और कुछ पलों…

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धौलपुर में चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में देश-विदेश की फिल्में दिखाई गईं, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए

धौलपुर : चंबल परिवार द्वारा आयोजित ‘चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ का सातवें संस्करण देश-दुनिया की प्रमुख शख्सियतों की मौजूदगी में नगर परिषद सभागार में संपन्न हुआ। चंबल इंटरनेशनल फिल्म समारोह के चेयरमैन फिल्म निर्देशक डॉ. मोहन दास, फिल्म निर्माता धर्मेंद्र वर्मा, फिल्म निर्देशक डॉक्टर ओमेन्द्र कुमार, सुविख्यात रंगकर्मी मुकेश वर्मा, नगर परिषद सभापति श्रीमती खुशबू सिंह, चंबल टूरिज्म के प्रभारी डॉक्टर कमल कुशवाहा आदि अतिथियों ने संयुक्त रूप से उद्धाटन कर अन्तराष्ट्रीय फिल्म मानचित्र पर धौलपुर को पहचान दी। फिल्म उद्धाटन समारोह से पहले ‘चंबल मे जनजीवन’ रंगोली व ‘चंबल…

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