फिल्मों में साहित्य का प्रयोग लम्बे समय से हो रहा हैं , एक फ़िल्म फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी मारे गए गुलफाम पर बनी नाम था तीसरी कसम । गीतकार शैलेंद्र को यह कहानी बहुत पसंद आई और उन्होंने इस पर फ़िल्म बनाने की सोची । इस कहानी को लेकर वो राजकपूर के पास गए उन्हें कहानी तो बहुत पसंद आई लेकिन वो इसकी सफलता के प्रति आस्वस्त ना थे उन्होंने शैलेंद्र को चेताया की इसमें जोखिम हैं लेकिन शैलेन्द्र ठान चुके थे राजकपूर को न चाहते हुए भी शैलेंद्र के…
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सोनू सूद-ए रियल लाइफ हीरो
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप सोनू सूद फिल्मी दुनिया का कोई महानायक या बादशाह जैसा नाम नहीं है किंतु उसने साबित किया कि वह एक बहुत बड़ा ‘हिंदुस्तानी’ है और उसका हिंदुस्तान मात्र किसी प्रदेश की भौगोलिक सीमाओं अथवा क्षेत्रीय सोच का गुलाम न होकर पूरे देश का सच है। भारतीय फिल्मों में सब संभव है। जो रियल लाइफ में घटता है, वह सब तो इसमें होता ही है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जो रियल लाइफ में कभी नहीं घटता। सच कहा जाये तो फिल्मी…
Read Moreएक फ़िल्म जिसमें देवानंद स्टार नही एक कलाकार बन के काम किया
गाइड देव आनंद की एक कलाकार के रूप में और निर्माता साथ ही नवकेतन की बेहतरीन फ़िल्म थी इस फ़िल्म में उन्हें धन और ख्याति तो मिली हैं उन्हें आत्म संतोष भी मिला। यह फ़िल्म आर. के . नारायण के उपन्यास “द गाइड” पर आधारित थी । इस फ़िल्म को निर्देशित किया था उनके भांजे विजय आनंद ने , पूरी फिल्म की पटकथा को इतना चुस्त दुरुस्त लिखा गया था की इसमें कही कोई खामी नज़र नही आती। मैं जब भी गाइड देखता हूँ कुछ न कुछ नयापन नज़र आता…
Read Moreविश्व तंबाकू निषेध दिवस: धुएँ में स्वाहा होती जिंदगियां।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडीटर-ICN वर्तमान समय में तम्बाकू एवँ धूम्रपान की लत पूरे विश्व में जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है और पूरा चिकित्सा जगत समस्या से चिंतित है कि किस प्रकार इससे मुक्ति पाया जाए। तम्बाकू के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणाम एवम उससे होने वाली बीमारियों के कारण पूरी चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गईं हैं ।तम्बाकू की वजह से होने वाली बीमारियों से जन हानि के साथ साथ इनके उपचार पर होने वाले अतिरिक्त वित्तीय खर्च से देशों का विकास प्रभावित होता है तथा तम्बाकू जनित…
Read Moreहिंदी पत्रकारिता दिवस: मशाल बनाम कुल्हाड़ी
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है।आज से 187 वर्ष पूर्व 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर जी ने भारत का प्रथम हिंदी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन प्रारंभ किया था जो तत्कालीन ब्रिटिश सरकार के दमनकारी रवैये का शिकार होकर मात्र डेढ वर्ष में ही बंद हो गया किंतु हिंदी पत्रकारिता का सूत्रपात होने के लिये इतना समय भी बहुत था। पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इस समाचार पत्र को कलकत्ता से एक साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर प्रकाशित किया था।वे…
Read Moreफिराक़ गोरखपुरी को क्यो नही काबुलीवाला पसंद आई
धीरज मिश्र (हृदय से किशोर लेखक और फिल्मकार) मुंबई: एक ऐसा लेखक जिन्होंने शुरुआत तो फारसी से की लेकिन जब हिंदी के नज़दीक आये तो उसी के हो कर रह गए। फिराक़ गोरखपुरी ने उर्दू के आधुनिक काव्यधारा को एक प्रवाह दी , सन 1896 की 28 अगस्त को गोरखपुर में अहीरों के मोहल्ले में उनका जन्म हुआ। अपने आस पास हमेशा गरीब मजदुर, मोची, और चरवाहों को ही देखा और अंत तक वैसे ही लोग इनके दिल के करीब रहे , फिराक़ की मूर्खता से सदा दुश्मनी थी वो…
Read Moreभारतीय हरित क्रान्ति के जनक डा0 स्वामीनाथन एवं उनकी सिफारिशें
By:Prof. R K Yadav, Dean,College of Agriculture, Lakhimpur Kheri Campus C.S. Azad Univ. of Agril. & Tech. Kanpur & Executive Editor-ICN Group एक उम्मीद की किरण पिछले कई वर्षो से देश के ज्यादातर राज्यों में किसान आन्दोलन कर रहे है उनकी मुख्य मागें है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होनी चाहिए। सबसे पहले यह जानने की आवश्यकता है कि डा0 स्वामीनाथन कौन है? डा0 स्वामीनाथन को भारतीय हरित क्रान्ति का जनक कहा जाता है। डा0 स्वामीनाथन का पूरा नाम डा0 एम0 एस0 स्वामीनाथन है। इनका जन्म 1925 मेंं कुम्भकोड़म तमिलनाडू में…
Read Moreकोविड 19 के विश्वव्यापी संक्रमण से भारत में सिर्फ मई महीने में आए एक लाख से ज्यादा केस
डॉ अनुरूद्ध वर्मा, एडीटर-ICN कोविड 19 के विश्वव्यापी संक्रमण ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि संक्रामक रोगों के ख़िलाफ़ लड़ाई लगभग जीत ली गई है इसका प्रमाण है कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संक्रमण ने दुनिया के 57 लाख लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया और इसके कारण लगभग 3 लाख 52 हजार से अधिक लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी । भारत मे संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 1 लाख 51 हजार से ऊपर निकल गया है तथा 4346 लोग मौत का शिकार हो गए हैं और…
Read Moreलाचार मजदूर की पीड़ा बनाम ईद की खुशी
मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप सहसवान/बदायूं: ज़िला बदायूँ तथा नगर सहसवान की आदर्श जनता ने जिलाधिकारी कुमार प्रशांत वरिष्ठ पुलिस, अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी, एसपीआरए डॉ सुरेंद्र सिंह,उप जिलाधिकारी लाल बहादुर तथा सीओ सहसवान रामकरन व कोतवाल हरेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में तथा पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के कारण लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन किया। नगर की आदर्श जनता ने पवित्र रमजान महीने के चलते भी लॉक डाउन को कामयाब करने में नगर सहसवान के प्रशासन का पूरी तरह से सहयोग किया ।बदायूं जिला…
Read Moreश्रम का भीड़तंत्र : 3
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारे युवा अनेक नये नये व्यापारिक विचारों के साथ नये नये प्रयोग कर रहे हैं। उनमे अनुभव की कमी है किंतु उत्साह की नहीं। और जहाँ तक औद्योगिक श्रम की बात है, उसके संबंध में भी कुछ सारभूत तत्वों पर विचार किया जाना अत्यंत आवश्यक है – असंगठित श्रम का पंजीयन भी ब्लाक स्तर पर आवश्यक किया जाये तथा उन्हें पहचान पत्र निर्गत किये जायें जिनमें उनकी पंजीकरण संख्या, उनकी शिक्षा (यदि कोई हो), श्रम…
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