पाकिस्तान के सामने वैचारिक अस्तित्व का संकट

प्रो. प्रदीप कुमार माथुर नई दिल्ली। आज पाकिस्तान गंभीर संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान चाहे कितनी भी बड़ी-बड़ी बातें करें और चाहे चीन से मिलकर भारत के विरुद्ध विश्व में अपना वर्चस्व दिखाने का दावा करें लेकिन वह मन ही मन समझते हैं कि वह उस जर्जर और कमजोर देश के नेता हैं जिसके अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग रहा है। पाकिस्तान में आर्थिक और राजनीतिक संकट तो है ही पर यह वैचारिक संकट वर्ष 1970-71 के संकट से भी बड़ा है जब पाकिस्तान विभाजित हुआ और…

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विवेकानंद द लीजेंड ऑफ इण्डिया।

मोहम्मद सलीम खान, एसोसिएट एडिटर-आईसीएन  सहसवान/बदायूं। इस संसार में समय-समय पर अनेक महान आत्माओं ने जन्म लिया है जिन्होंने मानवता की सेवा की खातिर अपना संपूर्ण जीवन विश्व समुदाय की भलाई में न्योछावर कर दिया।इस संसार में यदि कोई सबसे उत्तम एवं उत्कृष्ट (The  greatest and exquisite job) कार्य है तो वह कार्य समाज सेवा है भूखे को खाना खिलाना नंगे को कपड़ा पहनाना भटके को रास्ता दिखाना संसार के सबसे  उत्कृष्ट कार्य हैं। ईश्वर ने समय-समय पर इस संसार में ऐसी महान आत्माओं को भेजा जिन्होंने  संसार की  मोह…

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प्रवासी भारतीय समुदाय तथा भारत-प्रेमी विदेशी मित्रो ने थाईलैंड मे आई.सी.एन. इंटरनेशनल के ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम के अंतर्गत “ग्रामीण विकास और स्वावलंबन” का बिगुल बजाया !

एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN नई दिल्ली। दिनांक 18 जुलाई 2020 को थाइलैंड मे उद्यान-थानी (Udon thani) प्रांत के बेन-फू (Ban phue) ज़िले के गांव-2 (Moo-2) मे आई०सी०एन० समूह द्वारा इंटरनेट सुविधा की चालू (Online) सेवा के माध्यम से “ग्रीन स्पॉट्स अंडर आई०सी०एन० इंटरनेशनल रूलर एंटरप्रेन्योरशिप सीरीज़ – 1” पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेब-सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक और आई०सी०एन० के एडीटर (इंटरनेशनल) राजीव सक्सेना ने अपने साथी तथा सहयोगी आयोजको को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये धन्यवाद देते हुये कहा कि “इंटरनेशनल रूरल-एंटरप्रेन्योरशिप(अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण-उद्यमिता) का माडल ही…

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आखिर आतंकवाद पाकिस्तान की मज़बूरी क्यों है?

प्रो. प्रदीप कुमार माथुर नई दिल्ली। पिछले दिनों जब हमारे सारे देश का ध्यान चीन के साथ हो रहे सीमा संघर्ष पर केंद्रित था, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बहुत अजीब हरकत की। पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए उन्होंने कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद घोषित कर दिया। उनके वक्तव्य से उनके मित्र और विरोधी सभी सन्नाटे में आ गए।यह कह कर उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान चाहे जितना भी नकारे उसका जुड़ाव आतंक के साथ ही है जो इस्लाम के नाम पर…

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्शे-क़दम पर चलते नेपाल के प्रधानमंत्री अथवा “इवेंट मैनेजर” खड्गप्रसाद शर्मा ‘ओली’।

एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN नई दिल्ली। हम भारतीय जब भी नेपाल के प्रधानमंत्री ओली’ का नाम सुनते-पढ़ते है, तो हमारे मन मे उनकी छवि एक भारत विरोधी राजनीतिज्ञ अर्थात हमारे देश के दुश्मन की बनती है,किंतु हक़ीक़त उल्टी है क्योकि नेपाल मे उन्हे भारत-परस्त अर्थात भारत के लिये ‘सॉफ्ट-कार्नर’ रखने वाला माना जाता है, वास्तव मे यह भ्रम ओली की बुद्धिमता-दूरदर्शिता और कार्यकुशलता का ही परिणाम है,कि उनके निकट संबंधी और मित्र भी यह नही जानते है कि उनका अगला क़दम क्या होगा? ओली का बचपन बहुत अभाव मे बीता है…

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रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप : आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप

लखनऊ।  क्या मात्र तथ्यों व घटनाओं का संप्रेषण मात्र ही पत्रकारिता है या पत्रकारिता कहीं इससे आगे भी उपस्थित है। सत्यता यह है कि समय निरंतर बहता है और पत्रकारिता समय की इसी यात्रा को लिपिबद्ध करने का कार्य करता है। जब हम बीते हुये समय को लेखबद्ध करते हैं तो उसे ‘इतिहास’ कहते हैं और जब वर्तमान को लिखा जाता है तो उसे ‘पत्रकारिता’ कहते हैं। इतिहास लिखते समय हमारा ‘अनुभव’ हमारा मित्र होता है और पत्रकारिता करते समय हमारा ‘विवेक’। ‘इतिहास’ के लेखन में हमें अतीत में झांकना…

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कोरोना काल में सीमा पर असामायिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण टकराव

प्रो. प्रदीप माथुर नई दिल्ली। विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या के 6 देशों में शामिल भारत, चीन और पाकिस्तान आज कोरोना वायरस की विभीषिका की रोकथाम और उस पर विजय पाने के एक ऐसे युद्ध में संलग्न है जैसे उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। एशिया के इन देशों में समस्त विश्व की लगभग आधी जनसंख्या रहती है। अंत कोरोना से इनका संघर्ष मानवता की रक्षा के लिए किया जाने वाला एक बड़ा संघर्ष है। कोरोना की विभीषिका ने समस्त विश्व की तरह ना सिर्फ हमारे इन तीन एशियाई देशों की…

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अमीर खुसरो : भारतीय सांस्कृतिक पुरुष

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  यदि मध्यकालीन भारत को एक व्यक्ति के रूप में परखने की पहेली सुलझाने की शर्त हो तो इस शर्त को केवल एक ही उत्तर देकर जीता जा सकता है और वह है – खुद पहेलियों के बादशाह अमीर खुसरो।   अमीर खुसरो न केवल आज इतिहास के अंश हैं बल्कि वे अपने आप में संपूर्ण भूगोल, साहित्य, संगीत, संस्कृति व इतिहास भी हैं और तेजी से भागते हुये समय और बदलते हुये परिवेश के मध्य अपने स्थान पर मजबूती से ठहरा एक कालखण्ड…

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नस्लवाद और हमारी दोगली मानसिकता

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली। “पृथ्वी पर स्वर्ग” जैसी कल्पना को साकार करने का दावा करने वाली अमेरिकी सरकार का मत है,कि वह दुनिया का सबसे बड़ा समतामूलक, स्वतंत्रतामूलक और न्यायमूलक राष्ट्र है,उसका स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी विश्व की सारी मानव जाति के मानवाधिकारो की रक्षा का प्रतीक है। तरक्की और ताकत के नशे मे चूर अमेरिका चीन, पाकिस्तान, ईरान और तीसरी दुनिया के देशो को मानवाधिकार के नाम पर धमकाता रहता है,उन पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाने की बात करता है,अगर दूसरा देश उसकी बात ना माने तो वह…

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रक्षा-नीति की संवेदनशीलता और पेड मीडिया की बाज़ीगरी

एज़ाज़ क़मर, एसोसिएट एडिटर-ICN नई दिल्ली। कारगिल मे पाकिस्तानी सेना आराम से बंकर बनाते हुये घुसकर बैठ गई थी, लेकिन हमे उसकी भनक तक नही लगी थी, आज सेटेलाइट के युग मे जब हम आसमान से ज़मीन पर चल रही एक छोटी सी चींटी की एक मीटर लंबी पिक्चर बनाकर उसका अध्ययन कर सकते है,फिर भी इतनी तकनीकी प्रगति के बावजूद चीनी सेना तिब्बत मे घुसकर बैठ गयी और हमारी संस्थाएं सिर्फ हाथ मलती रह गई।यद्यपि इस तरह की घटनाओ का आरोप गुप्तचर संस्थाओ के मत्थे मढ़ दिया जाता है,जबकि देश की सुरक्षा…

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