हे मातृभूमि, हे हिन्द भूमि, हे जन्म भूमि मेरी

सी. पी. सिंह, एडीटर-ICN   हे मातृभूमि, हे हिन्द भूमि, हे जन्म भूमि मेरी, खुश हो मेरा मन, तेरी रज को चूमि, हर सांस ॠणी तेरी ।। तू – तो, युग – युग से है अति पावन मां । जग गाए शतत तेरी गुण गरिमा । हम जन्मों से पूजें तेरी सत महिमा । सर्वोच्च भू – मां – मेरी । स्वर्ग सी आभा तेरी ।। जबसे उतरा हूं मां की गोद से मैं । तबसे हूं तेरी अंक की मोद में मैं । मरकर भी रहूंगा तेरी गोद में मैं…

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मेरा हिन्दोस्तां प्यारा

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप  ये निष्ठा का समंदर है मेरा हिन्दोस्तां प्यारा हर इक पहलु से सुंदर है मेरा हिन्दोस्तां प्यारा It is ocean of sincerity-My lovely India From every angle beauty- My lovely India छितिज़ पर कल्पना के इसकी आभा उजाले हैं ये छाया है मेरे मन पर मेरा हिन्दोस्तान प्यारा Upon the surface of my imagination its luster It prevails my heart its splendor-My lovely India यहाँ जारी दिलों से एकता के मीठे चश्मे हैं हसींतर ऐसा मंज़र है मेरा हिन्दोस्तां प्यारा Flows here the wellspring of…

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उर्दू शायरी में ‘एकता’ : 1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप जब कोई तमाम रंगों और ख़ुश्बुओं के फूलों और उनकी यकजाई तस्वीर और तासीर की बात कर रहा हो तो आपको समझ जाना चाहिये कि वह हिंदुस्तान की बात कर रहा है। हिंदुस्तान या भारतवर्ष दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था है। अपना देश दुनिया से सारे देशों से इस मामले में सबसे अलग और ख़ास है कि जितने धर्मों, मज़हबों, पंथों व विचारधाराओं के लोग इस देश में एक साथ रहते, खाते-पीते, उठते-बैठते व सोते-जागते हैं, उतने किसी और देश में नहीं।…

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नमन :15 अगस्त-आज़ादी पर्व पर

अमिताभ दीक्षित, एडिटर-ICN U.P. करें हम उनको आज नमन करें हम उनको आज नमन जिनकी आँखों में जलती थी स्वाभिमान की ज्वाला जिनके हाथ सदा जपते थे आज़ादी की माला संघर्षों की राह तनिक न जिन्हें कर सकी विचलित हो स्वतंत्र यह देश बने सिरमौर विश्व में अतुलित जिन्होंने पाला यही सपन करें हम उनको आज नमन स्मुतियों के तार छिड़ गए चला चली की बेला जीवन की घिरती संध्या में ये मन बहुत अकेला याद याद कर लिखता जाऊं बलिदानों की गाथा खड़े हुए बलिवेदी पर ऊंचा था जिनका…

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“साथ चलना है तो तलवार उठा मेरी तरह, मुझसे बुज़दिल की हिमायत नही होने वाली”: आम हिंदुस्तानी की आवाज़ और 21वीं सदी मे उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी इस फानी दुनिया से रुखसत हो गये!

एज़ाज़ क़मर, डिप्टी एडिटर-ICN  नई दिल्ली। मेरा परिवार ब्रिटिश दौर की ऐसी मुसलमान रियासत से ताल्लुक रखता है जहां की 90% आबादी मुस्लिम हुआ करती थी और उर्दू शायरी से मोहब्बत का यह हाल था कि ठेले-रिक्शे वाले भी आला-दरजे (उच्च-कोटि) के शेर लिखने-पढ़ने की सलाहियत रखते थे लेकिन मेरे पिताजी शायरी तथा शायरो को सख्त नापसंद करते थे क्योकि उनका मानना था कि मुसलमानो के पिछड़ेपन के लिये जि़म्मेदार कला से जुड़े विषय है क्योकि जब मुसलमान विज्ञान से जुड़े शीर्षको पर शोध-अनुसंधान करते थे तब विज्ञान का मध्यकालीन…

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खुलूसो मेहरो मोहब्बत की इन्तेहा हूँ मैं

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप खुलूसो मेहरो मोहब्बत की इन्तेहा हूँ मैं मेरे वजूद में सब सच हैं आइना हूँ मैं I am the climax of love,affection and sincerity In me There is truth through and through in me, I am mirror virtually मुझे बना के मिटाना है उसका शौक़े हसीं कि उसकी शोख तमन्ना का इर्तिक़ा हूँ मैं He creates me and deletes me is His fun entire So I stand as the evplution of His vivacious desire मैं रोज़ उनसे लगाता हूँ शर्ते तर्क वफ़ा ये शर्त वो…

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राहत इंदौरी : वर्तमान का इतिहास

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप   ‘राहत इंदौरी नहीं रहे’। रोज़मर्रा की आम ख़बरों की तरह शायद यह भी एक आम ख़बर की तरह ज़ह्न से सरसराती हुई निकल जाती अगर इस ख़बर के कुछ ख़ास मायने नहीं होते। एक दिन इस फ़ानी दुनिया से हर शख़्स को जाना है लेकिन ‘राहत इंदौरी का अनायास चले जाना’ निश्चित रूप से एक ख़बर से ज़्यादा है। चार लफ़्जों के इस जुमले के पीछे की सांय-सांय यह कह रही है कि ‘ग़ज़लों का वह दौर ख़त्म हुआ जब वे उर्दू शायरी…

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उर्दू शायरी में ‘आँसू’ : 4

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  हर ‘आँसू’ यानी ‘अश्क’ की अपनी ही कहानी है। चाहे खुशी हो या ग़म, आँसू अपनी दोस्ती हमेशा ही शिद्दत से निभाते हैं। सत्यता यह है कि आँसू के खारे पानी में वह आग है जो दिल पर जमी बर्फ़ को गला देती है और उसके बाद आदमी अपने-आप को हमेशा ही हल्का और तरोताज़ा महसूस करता है।   नाज़िम बरेलवी आधुनिक शायरी में एक चमकता हुआ नाम है। वे हर चीज़ को अपने अलहदा अंदाज़ में परखते हैं और उनका यह अंदाज़…

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ग़ज़ल

सुहैल काकोरवी, लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप हम दोनों के  होंठों पे हकीकत नहीं आती जो सिर्फ दिलों में है वो साअत नहीं आती Does not break under upon our lips the very reality That cherished moment never sets in, unfortunately अब देख लिया रुए दिल आराम किसी का अब दिल में मेरे ख्वाहिशे जन्नत नहीं आती Saw now that heart resting delightful countenance So enters not the desire of paradise in me hence इस वक़्त फ़िज़ा बदली है भूलो ग़मे हिज्राँ पास उसके तो हर रोज़ ज़रुरत नहीं आती The atmosphere…

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उर्दू शायरी में ‘आँसू’ : 3

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  हर ‘आँसू’ यानी ‘अश्क’ की अपनी ही कहानी है। चाहे खुशी हो या ग़म, आँसू अपनी दोस्ती हमेशा ही शिद्दत से निभाते हैं। सत्यता यह है कि आँसू के खारे पानी में वह आग है जो दिल पर जमी बर्फ़ को गला देती है और उसके बाद आदमी अपने-आप को हमेशा ही हल्का और तरोताज़ा महसूस करता है।   प्रसिद्ध शायर शहरयार का वास्तविक नाम अख़लाक मोहम्मद खान है। उनका जन्म वर्ष 1936 में बरेली में हुआ तथा वर्ष 2012 में उनका इंतक़ाल…

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